नागकेसर (Nagkesar) के आयुर्वेदिक लाभ
एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी जो शरीर और मन दोनों को संतुलन देती है

नागकेसर क्या है?
नागकेसर (Mesua ferrea) एक सुगंधित पुष्प वाला वृक्ष है, जिसे आयुर्वेद में विशेष महत्व प्राप्त है। इसका फूल, बीज और छाल – सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह विशेषतः रक्त स्राव रोकने, पाचन तंत्र सुधारने और मानसिक शांति देने में उपयोगी माना जाता है।
मुख्य लाभ
- रक्त स्तंभन (Bleeding रोकता है): नकसीर, मासिक धर्म की अधिकता और अन्य रक्तस्राव में फायदेमंद।
- पाचन सुधार: गैस, अपच और दस्त में लाभदायक।
- दिमाग को शांत करता है: तनाव और अनिद्रा में उपयोगी।
- त्वचा रोगों में लाभ: फोड़े-फुंसी और एलर्जी में असरकारक।
- सूजन और दर्द में राहत: एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण।
- हृदय स्वास्थ्य: हृदय को बल देता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।
सेवन के तरीके
- 1 चम्मच नागकेसर चूर्ण को शहद के साथ सुबह-शाम लें।
- नागकेसर के फूल का अर्क दूध में मिलाकर सेवन करें।
- त्वचा रोगों में इसका लेप या तेल का प्रयोग करें।
- काढ़ा बनाकर रक्तस्राव की समस्याओं में पियें।
सावधानियाँ
- गर्भवती महिलाएं उपयोग से पहले वैद्य से परामर्श लें।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन से कब्ज़ या शुष्कता हो सकती है।
- यदि एलर्जी की प्रवृत्ति है तो पहले पैच टेस्ट करें।
वैज्ञानिक अनुसंधान
- Mesua ferrea में Flavonoids, Essential oils और Tannins पाए जाते हैं जो एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी हैं।
- Clinical studies में यह Hemostatic (रक्तस्राव रोकने वाली) सिद्ध हुई है।
- यह anti-depressant और mood-calming गुणों के लिए प्रसिद्ध है।
🪷 नोट: नागकेसर का उपयोग आयुर्वेद में "रक्त पित्त शमन", "शांतिदायक" और "स्त्री रोग निवारक" के रूप में विशेष स्थान रखता है।
No comments:
Post a Comment